याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया कि सरकार की ओर से अंतिम बार वर्ष 2015 में विज्ञप्ति जारी की गई लेकिन इस बार वांछित योग्यता में बदलाव कर दिया जबकि पिछली बार यह स्नातक द्वितीय श्रेणी रखी गई थी।
याचिकाकर्ताओं की ओर से आगे कहा गया कि चयन लिखित परीक्षा के साथ ही साक्षात्कार के माध्यम से किया जाना है। इसलिए आयोग की स्नातक प्रथम श्रेणी की शर्त उचित नहीं है। यह उन युवाओं के साथ अन्याय है जो पिछले कई वर्षों से परीक्षा की तैयारी में जुटे हैं। याचिकाकर्ताओं की ओर से उन्हें भर्ती प्रक्रिया में शामिल करने की मांग अदालत से की गई।
न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की पीठ ने याचिकाकर्ताओं को भर्ती प्रक्रिया में शामिल करने के निर्देश दिए हैं। अधिवक्ता शुभांग डोभाल ने कहा कि अदालत ने याचिकाकर्ताओं को दस दिन के अंदर आफलाइन आवेदन करने को कहा है। साथ ही बिना अदालत की अनुमति के परीक्षा परिणाम जारी नहीं करने के निर्देश भी दिए हैं।
Author: Uttarakhand Headline
Chief Editor . Shankar Datt , Khatima, u.s.nagar , Uttarakhand,262308