मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी एवं न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार वन विभाग के विनियमित दैनिक वेतन कर्मी सुरेश कंडवाल ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि वह वर्ष 2011 की नियमावली के तहत विनियमित सेवा में आ गया था और उसकी विनियमितीकरण से पूर्व की सेवाओं को पेंशन के प्रयोजनों के लिए गिना जाना चाहिए।
याचिकाकर्ता की ओर से सर्वोच्च न्यायालय और उत्तराखंड हाईकोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए कहा गया कि शीर्ष अदालत और उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में कहा है कि विनियमितीकरण से पूर्व की सेवाओं को पेंशन और ग्रेच्यूटी के प्रयोजनों के लिए गिना जाना चाहिए। यानी ऐसे कर्मचारियों को विनियमितीकरण से पूर्व की सेवा से पेंशन और अन्य देयकों का लाभ मिलना चाहिए। अदालत ने याचिकाकर्ताओं के तर्कों को स्वीकार करते हुए विनियमितीकरण से पूर्व की सेवाओं से पेंशन और अन्य देयकों में लाभ देने को कहा है। हाईकोर्ट के इस निर्णय से हजारों दैनिक वैतन कर्मचारी लाभान्वित हो सकेंगे
Author: Uttarakhand Headline
Chief Editor . Shankar Datt , Khatima, u.s.nagar , Uttarakhand,262308