*लोक निर्माण विभाग में कार्यरत सहायक अभियन्ता गोविन्द सिंह कौण्डल डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्ण मैमोरियल नेशनल अवॉर्ड 2025 से दिल्ली में सम्मानित*
कांस्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया, संसद मार्ग नई दिल्ली में संयुक्त रूप से इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ रिसर्च एंड डेवलपड ऑर्गेनाइजेशन (आई . ए.आर.डी.ओ.) तथा इंस्टीट्यूट फॉर सोशल रिफार्म्स एंड हॉयर एजुकेशन ( आई . एस.आर.एच.ई.) नीति आयोग एवम् एम.एच.आर.डी भारत सरकार द्वारा पंजीकृत संस्थानों के द्वारा आयोजित वृहद कार्यक्रम में श्री कौण्डल को *Leadership in Civil Engineering and Social Service* के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने पर प्रतिष्ठित सम्मान *डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन मेमोरियल नेशनल अवॉर्ड 2025* से सम्मानित किया। मुख्य अतिथि श्री रमेश चंद्र रतन, मेंबर ऑफ एन.एफ.सी.एच, गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा इस राष्ट्रीय कार्यशाला को संबोधित करते हुए सभी अवॉर्डी को शुभकामनाएं दी गई और सभी अवार्डीज से अपने अपने क्षेत्रों में और अधिक जिम्मेदारी से कार्य करने की अपेक्षा की गई। सी. ई. ओ, आई. ए . आर.डी.ओ. द्वारा अपनी संस्था के कार्यों सभागार को विस्तृत जानकारी प्रदान की गई। कई वक्ताओं डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जीवन और विभिन्न क्षेत्रों पर विस्तृत चर्चा की गई। सम्मान मिलने पर सभी अवॉर्डीज ने हार्दिक प्रसन्नता प्रकट की । श्री कौण्डल ने अपने पच्चीस वर्षों के सिविल इंजीनियरिंग की सेवा एवं समाज सेवा कार्यों का संक्षिप्त विवरण रखते हुए सभी को शिक्षक दिवस एवं अवॉर्डीज को शुभकामनाएं देते हुआ ज्यूरी एवं प्रशंसकों का आभार व्यक्त किया गया। इस अवॉर्ड का श्रेय उन्होंने माता पिता, पत्नी श्रीमती लक्ष्मी दनोसी कौण्डल सहित सभी मित्र साथियों को दिया।
उत्तराखण्ड लोक निर्माण विभाग के प्रान्तीय खण्ड देहरादून में कार्यरत सहायक अभियन्ता एवं समाज सेवा के क्षेत्र में डाक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित डॉ गोविन्द सिंह कौण्डल का जन्म 14 जुलाई 1978 को उत्तराखण्ड राज्य के देहरादून जिले के पर्वतीय क्षेत्र जौनसार के अन्तर्गत ग्राम रामपुर सरना पो0ओ0 खबऊ, खत-तपलाड, तहसील चकराता में हुआ। इनके पिता श्री सरदार सिंह , किसान एवं पंचायत में जनप्रतिनिधि एवम् माता श्रीमती शकुन्तला देवी गृहणी है। इनकी प्रारम्भिक शिक्षा जनपद उत्तरकाशी के डामटा नामक स्थान से हुई है। इनके द्वारा रा0इ0का0 डामटा से वर्ष 1993 में प्रथम श्रेणी में हाई स्कूल तथा वर्ष 1995 में इण्टरमीडिएट की परीक्षा उर्त्तीण की गई। उत्तरकाशी से वर्ष 1999 में प्रथम श्रेणी डिप्लोमा इन सिविल इंजीनियरिंग एवं वर्ष 2013 में स्नातक ( बी. टेक.) किया गया ।
जनवरी 2000 से गैर-सरकारी संस्था से जुड कर स्वजल परियोजना के प्लानिंग एवं इंप्लीमेंटेशन फेस में कार्य करते हुए कई गांवों की पेयजल योजनाओं पर कार्य किया गया। जून 2001 से नैशनल हाईड्रोइलेक्ट्रिक पॉवर कॉरपोरेशन में नियुक्त होकर अरूणाचल प्रदेश में 2000 मेगावाट अपर सुबानसिरी परियोजना के इन्वेस्टिगेशन के कार्यों को संपादित किया गया। इस परियोजना में सेमी परमानेंट टाइप भवन निर्माण, ड्रिलिंग, ड्रिफ्टिंग इत्यादि कार्यों को सफलता पूर्वक करते हुए लगभग 3 वर्ष की राजकीय सेवाओं के साथ वहॉ के जनजाति समाज की अनेकानेक समस्याओं को सुलझाते हुये उनकी सेवायें की गई। सितम्बर वर्ष 2004 से उत्तराखण्ड लोक निर्माण विभाग में योगदान कर वर्तमान तक विभाग में 20 वर्ष से अधिक की सेवायें पूर्ण कर चुके है। पहाड़ी क्षेत्र में मार्गों के निर्माण, पुलों के निर्माण सहित कई भवन निर्माण कार्यों को ये ससमय पूर्ण करवा चुके है। दिसंबर वर्ष 2008 में इनका विवाह लक्ष्मी दनोसी से हुआ जो हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं जो शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका के साथ इनको समाज सेवा में पूर्ण सहयोग करते हुए बाल कल्याण एवं महिला सशक्तिकरण के कार्यों में लगी हुई है। डॉ. कौण्डल विभागीय सेवा के साथ समाज सेवा के कार्य भी अनवरत जारी रखे हुये है। ये कई ट्रस्टों के माध्यम से स्मॉल चैरिटी वर्तमान तक कर रहे है। केदारनाथ आपदा के पश्चात मातृ-पितृ विहीन बेटियों को ये ट्रस्ट के माध्यम से छात्रवृत्ति भी प्रदान कर चुके हैं। जिला विकास प्राधिकरण पौडी में सेवा के दौरान इनके द्वारा प्राधिकरण के क्षेत्रांतर्गत आवासीय, व्यावसायिक भवन मानचित्र स्वीकृत करने के साथ पार्क इत्यादि का निर्माण करवाकर योगदान किया गया है। यहां तक कि भवन मानचित्र स्वीकृत करवाने वाले आर्थिक रूप से कमजोर आवेदक को मानचित्र स्वीकृति की फीस हेतु आर्थिक सहयोग तक इनके द्वारा किया गया। जिला विकास प्राधिकरण में अपने विभागीय कार्यों के साथ सफल सराहनीय एवं उत्कृष्ट कार्य सम्पादन हेतु इन्हे प्रशस्ति पत्र दिया गया। देहरादून के डी0ए0वी0 कॉलेज में छात्रों के छात्रावास, कण्डोली में लाइब्रेरी हेतु सहयोग किया गया। इस छात्रावास में रहकर कई गरीब एवं विशेषकर जनजाति के छात्र रहकर उच्च शिक्षा हेतु अध्ययनरत है। मल्ली गांव पौड़ी के बुजुर्ग जिनकी आयु 74 वर्ष के आंखों तथा अन्य स्वास्थ्य संबंधी चेकअप के लिए आर्थिक सहयोग किया गया।
कोरोना काल में सरकार द्वारा जनता कर्फ्यू एवं लॉकडाउन लगाए जाने की घोषणा हुई एवं 25.03.2020 से देशव्यापी लॉकडाउन लगाया गया। जिसमें इनके द्वारा समाज सेवा पूर्ण समर्पित होकर की गई। वाहन न चलने के कारण ओला ड्राइवरों की आर्थिक स्थिति अन्य सभी की भांति कमजोर हो गई थी, जिसमें इनके द्वारा उनकी आर्थिक मदद की गई। सामाजिक कार्यकर्ता पौड़ी गढ़वाल को कई किट राशन वितरण हेतु दिये गये। ‘सेव-द-चिल्ड्रनस’ संस्था को उनके द्वारा किये जा रहे परमार्थ कार्य हेतु सहयोग किया गया। फेडरेशन के तत्वाधान में महाकाल सेना पौडी को कोट ब्लॉक में जरूरतमंदों के लिये दी जा रही राशन सामग्री के कई किट प्रदान किये गये। प्रमुख अभियन्ता एवं विभागाध्यक्ष, लो0नि0वि0, उत्तराखण्ड, देहरादून द्वारा महत्वपूर्ण एवं विशिष्ट कार्यों का कठिन परिश्रम लगन एवं दक्षता से करने हेतु इन्हे चार बार प्रशंसा प्रत्र दिये गये हैं। डॉ0 अंबेडकर जयंती कार्यक्रम पौड़ी में प्रादेशिक शिल्पकार कल्याण समिति के द्वारा आयोजित कार्यक्रमो में विशिष्ट अतिथि एवं मुख्य अतिथि के रूप में कई बार प्रतिभाग करने पर समिति इन्हें सम्मानित कर चुकी है।
दिसंबर वर्ष 2023 में उत्तराखंड मे आयोजित वैश्विक निवेश सम्मेलन (ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023) में मार्गों का सुदृढ़ीकरण एवं सुधारीकरण कर उच्च क्वालिटी राईडिग हेतु तैयार का करने का इन्हे भी सौभाग्य प्राप्त है , इस प्रोजेक्ट को कुशलतापूर्वक एवं ससमय पूर्ण करने हेतु इन्हे 26 जनवरी 2024 को गणतन्त्र दिवस के शुभ अवसर पर सम्मानित किया जा चुका है। इसी प्रकार की इनकी सेवाओं तथा सर्वसमाज की सेवाओं को संज्ञान में लेते हुये मथुरा वृन्दावन में 27 दिसंबर 2024 को इन्हे डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्रदान की गई है। उत्तराखण्ड राज्य में हुये 38 वें राष्ट्रीय खेल महोत्सव 2025 में इनको कठिन परिश्रम लगन एवं दक्षता से कार्य करने पर प्रशंसा प्रत्र दिये गये है। कर्मचारी संगठनों में वर्षों से ये जनपद, मण्डल एवं प्रान्त के कई पदों को सुशोभित कर चुके हैं तथा विभागीय सेवा के साथ-साथ आज भी समाज सेवा के छोटे-बडे कार्यों में अनवरत लगे हुये हैं। जुलाई 2025में देहरादून में आयोजित विशाल कार्यक्रम में इन्हें PUBLIC SERVICE AND SOCIAL WELFARE हेतु प्रतिष्ठित *देवभूमि राष्ट्रीय रत्न पुरस्कार 2025* प्रदान किया गया है।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि श्री रमेश चंद्र रत्न, पूर्व अध्यक्ष पी एस सी, रेलवे बोर्ड एवं मेंबर ऑफ एन. एफ. सी. एच. गृह मंत्रालय, भारत सरकार, मुख्य अतिथि श्री मोहन सिंह बिष्ट डिप्टी स्पीकर दिल्ली विधान सभा, नई दिल्ली, डॉ परविंदर सिंह, पीस एंबेसेडर, ISRHE सीटी के अध्यक्ष डॉ अतुल कुमार शर्मा , डॉ रेशु गुप्ता CEO, IARDO, असिस्टेंट प्रोफेसर लक्ष्मी दनोसी कौण्डल, डॉ स्नेहल पुष्कर अभयंकर, डॉ मधुलिका कुमारी, डॉ अतुल कुमार, डॉ नरेंद्र सिंह भाकुनी, डॉ रंजन चौरसिया, डॉ हरप्रीत कौर एवं प्रो सुष्मिता देव चौधरी सहित देश से आए हुए अवॉर्डीज एवं उनके परिजन उपस्थित रहे।।
Author: Uttarakhand Headline
Chief Editor . Shankar Datt , Khatima, u.s.nagar , Uttarakhand,262308
